जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा 1929 में भारत के पहले लाइसेंस प्राप्त करने वाले पायलट बने।
जे.आर.डी टाटा ने 1948 में भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन के रूप में एयर इंडिया इंटरनेशनल की स्थापना की थी।
जे.आर.डी टाटा को 1992 में भारत सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
जे.आर.डी टाटा ने दिसंबर 1925 में एक अवैतनिक प्रशिक्षु के रूप में टाटा व्यवसाय में प्रवेश किया।
जे.आर.डी टाटा को 34 साल की उम्र में 1938 में टाटा एंड संस का चेयरमैन चुना गया, जिससे वे भारत के सबसे बड़े औद्योगिक समूह के सबसे कम उम्र के प्रमुख बन गए।
उनके कार्यकाल के दौरान टाटा समूह ने रसायन, ऑटोमोबाइल, चाय और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विविध क्षेत्रों में विस्तार किया।
1929 में जेआरडी टाटा ने अपनी फ्रांसीसी नागरिकता की घोषणा की और भारतीय नागरिक बन गए।
जे.आर.डी टाटा 1932 में सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट की स्थापना के समय से उसके ट्रस्टी थे। उनके मार्गदर्शन में उस ट्रस्ट ने 1941 में बॉम्बे में एशिया के पहले कैंसर अस्पताल टाटा मेमोरियल सेंटर फॉर कैंसर, रिसर्च एंड ट्रीटमेंट की स्थापना की।