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Parenting Tips: बच्चों के भविष्य की तैयारी कैसे करें

बच्चों को कोरोना, ऑनलाइन पढ़ाई और बार-बार स्कूल बंद होने खुलने की वजह जैसी परिस्थितियों से उभरने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कैसे आप अपने बच्चों को और सक्रिय बनाएं। उसके लिए आप दी गई टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
Varsha Kushwaha
कभी-कभी ठीक न होने भी एक तरह से ठीक ही है
हर किसी के जीवन में एक समय आता है जब वह भावनाओं के रोलकोस्टर से जुझ रहे होते हैं। न हम खुद समझ पाते हैं और न ही किसी को कुछ समझा पाते हैं। लेकिन इन स्थितियों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए ये समस्या और अधिक बढ़ा सकती है।
आपको ये समझने के जरूरत है कि ये समान्य स्थिति है जो आप बात करके उन्हें समझ के और समझा के आसानी से सुलझा सकते हैं। अपने बच्चों से बात करते रहे ताकि वह अपनी परेशानी के बारे में आपसे बात करें। क्योंकि "कम्युनिक्शन इज द की फॉर ए बेटर रिलेशनशिप"
कोई भी परिस्थिति हमेशा के लिए नहीं होती
आपको और बच्चों को ये समझाना आवश्यक है की बुरा समय हमेशा के लिए नहीं रहता है। समय चाहें अच्छा हो या बुरा बीतता जरूर है। उन्हें समझाएं कि हर बुरे समय के बाद एक प्रकाश की किरण जरूर आती है जो हमें उस समय से उभारती है।
बच्चों के साथ आपको को भी आश्वस्त होना होगा क्योंकि यदि आप ही इस बात को नहीं समझ पाए तो बच्चों को कैसे समझा पाएंगे। उन्हें ये समझाना जरूरी है कि हर परिस्थिति का साहस के साथ डटकर सामना करना है।
शिक्षा के लक्ष्यों का निर्धारण
अगर बच्चे शिक्षा कि तरफ और अपनी पढ़ाई में पूरी तरह से मगन रहेंगे तो ऐसी स्थिति में उनका ध्यान इधर उधर की चीजों की वजह से नहीं भटकेगा। यदि उनका शैक्षिक लक्ष्य तय रहेगा तो ये उनके लिए फायेमंद साबित हो सकता है।
इसी के साथ आपको एक अच्छी निवेश योजना बनानी चाहिए। इससे आपके बच्चों को उच्च स्तर की महंगी शिक्षा को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
भावनाओं को स्वागत करें
बच्चों के जीवन में समय समय पर आपको भावनाओं का एक रोल कोस्टर देखने को मिलता है। ये पूर्ण रूप से सामान्य बात है। सबसे ज्यादा उतार चढ़ाव उनकी किशोरावस्था में देखने को मिलता है। ऐसी स्थिति में आपको अपने बच्चों के साथ सहानुभूति रखनी होगी।
आपको बच्चों को बाते शेयर करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा न की दबाव डालना है। अधिक दाबाव महसूस करने पर भी बच्चे आपसे दूरी बनाने लगते हैं। इसलिए आपको ये ध्यान देना है की वह आपसे अपनी इच्छा से बात करें बिना कुछ छिपाएं।
मॉर्डन प्रैक्टिस के माध्यम से शिक्षण को बेहतर बनाए
काफी बार बच्चों द्वारा पुछे गए सवालों के जवाब आपके पास नहीं होते हैं तो ये कोई गलत बात नहीं है आपको इसके लिए उन्हें ईमानदारी से बताना है कि आपको नहीं जानते या चलो साथ मिलकर इसके बारे में पता करते हैं।
इसे देख आपका बच्चा आपके साथ मिलकर पढ़ने में दिलचस्पी लेगा। इससे आपके बच्चों की चीजों को जनाने की जिज्ञासा भी शांत होगी और उसका मन भी पढ़ाई में होगा। इसी के साथ आप नए तरीकों को अपना सकते हैं जो आधुनिकता से जुड़े है जिससे बच्चे की पढ़ाई में रूचि बढ़ेगी।
एक डेली रूटीन बनाने की आवश्यकता है
बच्चों के लिए डेली रूटीन तैयार करें। इसके माध्यम से सबसे पहले बच्चे में अनुशासन पैदा होगा जो आपके बच्चे के जीवने के लिए फायदेमंद है। डेली रूटीन से वह समय से काम कर पाएंगे और इसी के साथ थोड़ा समय अन्य चीजों को भी दे पाएंगे।
रूटीन तैयार होने से बच्चे की भावनात्मक भलाई भी होगी। डेल रूटीन प्लान के कारण वह अपने कार्यों को बिना करे संतुष्ट नहीं हो पाएंगे। इससे उसके जीवन में भावनात्मक स्थिरता आएगी।
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