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सायबर सुरक्षा: मैलवेयरटाइज़िंग से कैसे बचाएं अपनी निजी जानकारी जानिए

किसी वेबसाइट का इस्तेमाल करते वक़्त आपने कई तरह के पॉपअप विज्ञापन देखे होंगे। उनमें से कुछ वाकई विज्ञापन होते हैं तो कुछ आपके कंप्यूटर तक वायरस पहुंचाने के लिए वहां मौजूद होते हैं।
Varsha Kushwaha
सायबर सुरक्षा
एडवर्टाइजि़ंग की तर्ज पर इसे मैलवेयरटाइज़िंग कहते हैं जिसे कंप्यूटर सिस्टम में इंस्टॉल किए गए दूसरे सॉफ्टवेयर को नुक़सान पहुंचाने के लिए बनाया जाता है।
हैकर्स वेबसाइट पर ऐसे विज्ञापन दिखाते हैं जो काम के लगते हैं जैसे शॉपिंग डील्स। जब आप अधिक जानने के लिए उस पर क्लिक करते हैं तो मैलवेयर आपके कंप्यूटर सिस्टम और डेटा को नुक़सान पहुंचाता है।
मैलवेयरटाइजि़ंग के लिए एड की ज़रूरत पड़ती है। इस एड में हैकर्स मलिशस स्क्रिप्ट (एक तरह का कोड) जोड़ा जाता है। एड पर क्लिक करने पर उस स्क्रिप्ट पर क्लिक हो जाता है और यह मैलवेयर कंप्यूटर तक पहुंच जाता है।
कंप्यूटर के सारे सॉफ्टवेयर अपडेट रखें। सॉफ्टवेयर्स को ऑटो डाउनलोड पर रखें ताकि ये ख़ुद-ब-ख़ुद अपडेट हो जाएं।
सॉफ्टवेयर
वेबसाइट में किसी भी लिंक पर क्लिक करने या कुछ डाउनलोड करने से बचें। इसके अलावा किसी भी वेबसाइट से कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड न करें।
अगर किसी वेबसाइट पर रोचक या काम का विज्ञापन नज़र आता है तो उस पर क्लिक करके के बजाय इंटरनेट पर उसकी जानकारी इकट्‌ठी करें।
ई-मेल के ज़रिए भी मैलवेयरटाइजि़ंग हो सकती है। ई-मेल में विज्ञापन या फोटो पर क्लिक करने से बचें।
डाउनलोड करने का संदेश दिखाने वाले पॉप-अप विंडो पर भरोसा न करें। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।
सतर्क रहें
गाना डाउनलोड करते वक़्त सतर्क रहें। अक्सर हम गाना डाउनलोड करने के लिए किसी वेबसाइट पर जाते हैं और डाउनडोल पर क्लिक करते ही दूसरी विंडो खुल जाती है। बेहतर होगा कि गाने किसी विश्वसनीय वेबसाइट से डाउनलोड किए जाएं।
कंप्यूटर सुरक्षा
कंप्यूटर को सुरक्षित रखने के लिए एड ब्लॉकर इंस्टॉल कर सकते हैं। इससे विज्ञापन स्क्रीन पर नज़र नहीं आएंगे। इस बात का ध्यान रखें कि इस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के बाद कुछ वेबसाइट खुलेंगी नहीं।
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