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DR BR आंबेडकर के जीवन से जुड़े ये तथ्य हर कोई नहीं जानता

मध्य प्रदेश और बिहार के बेहतर विकास के लिए बाबासाहेब ने 50 के दशक में इन राज्यों के विभाजन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 2000 के बाद ही मध्य प्रदेश और बिहार को विभाजित करके छत्तीसगढ़ और झारखंड का गठन किया गया।
Narender Sanwariya
बाबासाहेब के निजी पुस्तकालय "राजगीर" में 50,000 से अधिक पुस्तकें थीं और यह दुनिया की सबसे बड़ी निजी पुस्तकालय थी।
डॉ॰ बाबासाहेब द्वारा लिखित पुस्तक "वेटिंग फॉर ए वीजा" कोलंबिया विश्वविद्यालय की एक पाठ्यपुस्तक है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने 2004 में दुनिया के टॉप 100 स्कॉलर्स की लिस्ट बनाई थी और उस लिस्ट में सबसे पहला नाम डॉ भीमराव अंबेडकर का था।
डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर 64 विषयों में मास्टर थे। उन्हें हिंदी, पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, फारसी और गुजराती जैसी 9 भाषाओं का ज्ञान था। इसके अलावा उन्होंने लगभग 21 वर्षों तक विश्व के सभी धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन किया।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बाबासाहेब ने 8 साल की पढ़ाई सिर्फ 2 साल 3 महीने में पूरी की, इसके लिए उन्होंने 21 घंटे पढ़ाई की।
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का अपने 8,50,000 समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म में दीक्षा लेना विश्व में ऐतिहासिक है, क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा धर्मांतरण था।
"महंत वीर चंद्रमणि", एक महान बौद्ध भिक्षु जिन्होंने बाबासाहेब को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी, उन्हें "इस युग का आधुनिक बुद्ध" कहा।
बाबासाहेब लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से "डॉक्टर ऑल साइंस" नाम की मूल्यवान डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले दुनिया के पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं। कई बुद्धिमान छात्रों ने इसके लिए प्रयास किया है, लेकिन वे अब तक सफल नहीं हो पाए हैं।
दुनिया भर में जिस नेता के नाम पर सबसे ज्यादा गाने और किताबें लिखी गई हैं वो हैं डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर।
बाबासाहेब दुनिया के पहले और एकमात्र सत्याग्रही थे, जिन्होंने पीने के पानी के लिए सत्याग्रह किया था।
1954 में नेपाल के काठमांडू में आयोजित "विश्व बौद्ध परिषद" में बौद्ध भिक्षुओं ने डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को बौद्ध धर्म की सर्वोच्च उपाधि "बोधिसत्व" प्रदान की थी। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक "बुद्ध और उनका धम्म" भारतीय बौद्धों का "ग्रंथ" है।
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने तीन महापुरुषों, भगवान बुद्ध, संत कबीर और महात्मा फुले को अपना "गुरु" माना था।
बाबासाहेब पिछड़े वर्ग के पहले वकील थे। "द मेकर्स ऑफ द यूनिवर्स" नामक वैश्विक सर्वेक्षण के आधार पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 10 हजार वर्षों के शीर्ष 100 मानवतावादी लोगों की एक सूची बनाई गई, जिसमें चौथा नाम डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का था।
बाबासाहेब की पहली प्रतिमा वर्ष 1950 में उनके जीवित रहने पर बनाई गई थी और यह प्रतिमा कोल्हापुर शहर में स्थापित है।
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