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ये हैं भारत की 10 सबसे बड़ी लाइब्रेरी

जानिए भारत के 10 सबसे बड़े पुस्तकालयों के बारे में...
chailsy raghuvanshi
भारतीय राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता
भारतीय राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता वॉल्यूम के हिसाब से देश का सबसे बड़ा पुस्तकालय है। इसकी स्थापना वर्ष 1836 में हुई थी।

दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी सरकार द्वारा वर्ष 1951 में यूनेस्को परियोजना के रूप में शुरू की गई थी।
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी
इस लाइब्रेरी में भारत की विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में ताड़ के पत्तों की पांडुलिपि का दुर्लभ संग्रह है।
सरस्वती महल पुस्तकालय या तंजौर महाराजा सरफोजी की सरस्वती महल पुस्तकालय, तमिलनाडु
अन्ना शताब्दी पुस्तकालय, चेन्नई, तमिलनाडु

 इस लाइब्रेरी में नेत्रहीन पाठकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक ब्रेल अनुभाग भी है।
कृष्णदास शामा सेंट्रल लाइब्रेरी, गोवा
इसकी स्थापना 15 सितंबर, 1832 को वाइस रॉय डोम मैनुअल डी पुर्तगाल ई कास्त्रो द्वारा 'पब्लिका लिवरारिया' के रूप में की गई थी।
इलाहाबाद पब्लिक लाइब्रेरी
इलाहाबाद पब्लिक लाइब्रेरी में विभिन्न विषयों पर लगभग 1.25 लाख पुस्तकों का संग्रह है। इस लाइब्रेरी में दुर्लभ अरबी पांडुलिपियों के साथ-साथ संसद के कागजात भी मौजूद हैं।
श्रीमती हंसा मेहता पुस्तकालय, बड़ौदा, गुजरात

यह बड़ौदा के एम एस विश्वविद्यालय का विश्वविद्यालय पुस्तकालय है। जिसकी स्थापना 1 मई, 1950 को हुई थी।
यह पुस्तकालय चार राष्ट्रीय निक्षेपागार पुस्तकालयों में से एक है, जो भारत में प्रकाशित सभी पुस्तकों, समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की एक प्रति प्राप्त करता है।
कोनेमारा पब्लिक लाइब्रेरी, चेन्नई, तमिलनाडु
राज्य केंद्रीय पुस्तकालय, तिरुवनंतपुरम, केरल

इसमें विभिन्न विषयों में अंग्रेजी, मलयालम, हिंदी, तमिल, संस्कृत जैसी विभिन्न भाषाओं में कुल 3,67,243 दस्तावेजों का संग्रह है।
इस पुस्तकालय में 5वीं और 6वीं शताब्दी की लगभग 17,000 दुर्लभ और मूल्यवान पांडुलिपियों का संग्रह भी है।
राज्य केंद्रीय पुस्तकालय, हैदराबाद
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