Eid Essay In Hindi: पूरे भारत में ईद का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। घरों में जहां बेहतरीन पकवानों की झड़ी लग जाती है, वहीं स्कूलों में इस अवसर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है, जिनमें निबंध लिखना भी शामिल है। अगर आपको भी ईद पर निबंध लिखना है, तो आप एक दम सही पेज पर हैं।
इस वर्ष ईद 10 या 11 अप्रैल को मनायी जायेगी। यह निर्भर करेगा कि चॉंद कब दिखाई देता है। आइये एक नज़र डालते हैं ईद पर निबंध पर और साथ में 10 लाइनें जो आपको जरूर याद रखनी चाहिए।
ईद पर निबंध
ईद मुसलमान समुदाय का सबसे पवित्र धार्मिक त्योहार है। ईद से पहले 30 दिनों तक रमजान का पवित्र महीना होता है, जिसमें सभी मुस्लिम उपवास यानि रोजा रखते हैं। रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत इस वर्ष 11 मार्च को चांद के दीदार के साथ हो गई है। रमजान में जकात अदा करने की परंपरा है। जो केवल गरीबों, बेवाओं व यतीमों को दी जाती है। रमजान के इन तीस दिनों तक इफ़तार पार्टी का आयोजन भी किया जाता है, जो देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब का उदाहरण है।
इस्लामिक कैलंडर के अनुसार, 10 या 11 अप्रैल 2024 ईद-उल-फ़ितर मनाई जाने की संभावना है। ईद की नमाज के जरिए बंदे खुदा का शुक्र अदा करते हैं। अपनी मन्नतों के साथ ही वह खुदा से सभी की सलामती की गुजारिश करते हैं। रमज़ान के मौके पर अलग-अलग धर्म एवं समुदायों के लोग रोज़ादारों के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं। बिहार, रांची, लखनऊ, मेरठ, दिल्ली, मुरादाबाद, वाराणसी और सिकंदराबाद समेत देश के कई शहर इफ्तार पार्टियों के लिए बेहद प्रसिद्ध हैं।
स्कूलों में बच्चों को ईद पर निबंध लिखने को दिया जाता है। ऐसे में अगर आपको भी ईद पर निबंध लिखना या पढ़ना है तो करियर इंडिया हिंदी आपके लिए सबसे बेस्ट ईद पर निबंध आईडिया लेकर आया है। जिसकी मदद से आप आसानी से ईद पर निबंध लिख सकते हैं। तो आइये जानते हैं ईद पर निबंध कैसे लिखें।
एक धार्मिक त्योहार
ईद एक धार्मिक त्योहार है, जिसे पूरी दुनिया में मुस्लिम धर्म या समुदाय के लोग धूमधाम से मनाते हैं। यह रमजान के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है। 30 दिनों के उपवास या रोजा रखने के बाद, इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान के 10वें शव्वल की पहली तारीख को ईद मनाई जाती है। यह उस महीने के बाद पहला दिन होता है, जब मुसलमान उपवास या रोजा नहीं रखते हैं और ईद का त्योहार हर्सोल्लास के साथ मनाते हैं। ईद पर एक निबंध के माध्यम से, हम त्योहार और उसके उत्सव के महत्व को जान जाएंगे।
ईद की रस्में
मुसलमान समुदाय के लोग हर साल ईद का धार्मिक त्योहार मनाते हैं। यह दिन रमजान के अंत का प्रतीक माना जाता है, इसलिए वे इस दिन अपनी मनपसंद व्यंजन और पकवान बनाकर खाते हैं। ईद के दिन हर घर में स्वादिष्ट और लजीज़ पकवान बनाए जाते हैं। रमजान के पवित्र महीने के अंत में ईद के त्योहार के दिन लोग जरूरतमंदों की मदद करते हैं और उन्हें खाना भी खिलाते हैं। इस्लाम धर्म में इसे जकात कहा जाता है। पैगंबर मुहम्मद ने मक्का में सबसे पहले इस परंपरा की शुरुआत की थी। ऐसा माना जाता है कि पैगंबर मुहम्मद इसी दिन मदीना पहुंचे थे।
रमजान के महीने के दौरान मुसलमान मन और शरीर के लिए अशुद्ध मानी जाने वाली चीजों से दूर रहने का दृढ़ प्रयास करते हैं। जो लोग रमजान में भाग लेते हैं और रोजा रखते हैं, वे सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच खाने, पीने और अशुद्ध विचारों से दूर रहते हैं। इस पूरे समय के दौरान वे अपने ईश्वर पर विश्वास रख कर ध्यान केंद्रित करते हैं और उनका अनुसरण करते हैं। अधिकांश मुसलमान रमजान के दौरान बुरी आदतों को छोड़ने और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। रमजान के महीने को प्रार्थना और अच्छे कर्मों का समय माना जाता है। लोग इस दौरान अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं और ज़रूरतमंद लोगों की मदद करते हैं। ईद के त्योहार के दिन वे मस्जिद में तरावी की नमाज़ अदा करते हैं और परिवार और समुदायों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
भारत में ईद का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भाईचारे का प्रतीक ईद का त्योहार देश में न केवल मुसलमान समुदाय के लोग बल्कि हर समुदाय के लोग साथ मिल कर मनाते हैं। इस दौरान लोग अपने परिवार, परिजनों और दोस्तों के साथ त्योहार का आनंद उठाते हैं। एक महीने से पहले ही ईद की तैयारी शुरू हो जाती है और नई वस्तुएं एवं उपहार खरीदे जाते हैं। रमजान महीने की शुरुआत बड़े उत्साह के साथ होता है। महिलाएं पहले से ही अपने लिए और परिजनों के लिए कपड़े, चूड़ियाँ और सामानों की खरीददारी शुरू कर देती हैं। दूसरी ओर, पुरुष भी अपने और बच्चों के लिए नए कपड़े खरीदते हैं। ईद के दिन महिलाएं पारंपरिक परिधान शरारा और पुरुष पारंपरिक कुर्ते और पजामा पहनते हैं।
ईद का चांद देखकर सभी को 'चांद मुबारक' या ईद मुबारक कह कर शुभकामनाएं दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि चांद के दीदार से ही ईद का दिन तय होता है। महिलाएं और लड़कियां अपने हाथों पर मेहंदी रचती हैं और रुप-सज्जा करती हैं। ईद के त्यौहार से पहले घरों को भी सजाया जाता है। रमजान के महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं, दान देते हैं, अल्लाह की इबादत करते हैं और इस पवित्र महीने के दौरान दान धर्म का काम भी करते हैं। इस प्रकार, ईद के दिन प्रत्येक मुसलमान त्योहार के दिन का आनंद लेते हैं। बड़े-बुजुर्ग ईद के दिन अपने से छोटे बच्चों और परिजनों को उपहार भेंट देते हैं, जिसे ईदी कहा जाता है। ईद पर ईदी देने की प्रथा सालों से चली आ रही है। ईद पर मीठी सेंवई बनाने और खिलाने का भी रिवाज है।
ईद का जश्न
ईद का जश्न साल का वह समय होता है जब मुस्लिम समुदाय इसे अपने परिवार, दोस्तों और मोहल्ले वालों के साथ धूमधाम से मनाते हैं। लोग सुबह जल्दी उठते हैं। वे स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। महिलाएं घर पर नमाज अदा करती हैं और विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट पकवान बनाती हैं, जबकि पुरुष नमाज अदा करने के लिए मस्जिद जाते हैं। इस दौरान ईद की नमाज अदा करने के बाद लोग एक दूसरे के गले मिलकर उन्हें ईद की बधाईयां देते हैं। वे एक दूसरे से ईद मुबारक कह कर उनका अभिनंदन करते हैं और तीन बार गले मिलते हैं। फिर, लोग अभिवादन करने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाते हैं। इस दिन हर घर में मेहमानों को सेवइयां परोसी जाती है। एक और दिलचस्प हिस्सा जो युवाओं को पसंद है वह है ईदी। ईदी एक उपहार है जिसे वे धन के रूप में बड़ों से प्राप्त करते हैं। इस प्रकार, बच्चे ईदी प्राप्त करने का आनंद लेते हैं और फिर उस पैसे से अपनी पसंदीदा चीजें खरीदते हैं।
ईद का समापन
रमजान के पवित्र महीने के समापन के साथ ईद खुशियां लाता है। ईद के दिन को मुस्लिम समुदाय के लोग खूब धूमधाम से मनाते है। यह उन लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है जो पूरे महीने रमजान में रोजा रखते हैं।
ईद पर 10 लाइनें
- ईद मुसलमानों का एक पवित्र त्योहार है, जो रमजान के महीने के अंत में मनाया जाता है।
- यह त्योहार खुशी, भाईचारा और क्षमा का प्रतीक है।
- ईद के दिन मुसलमान नमाज पढ़ते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे को गले लगाते हैं।
- इस दिन लोग घरों को सजाते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और बच्चों को ईदी देते हैं।
- ईद का त्योहार सभी लोगों को आपस में मिलकर रहने का संदेश देता है।
- यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
- ईद का त्योहार खुशियों और उल्लास का त्योहार है।
- यह त्योहार हमें जीवन में आशा और विश्वास का संदेश देता है।
- ईद का त्योहार हमें सिखाता है कि हमें सदैव सत्य बोलना चाहिए और अच्छे काम करने चाहिए।
- ईद का त्योहार हमें सिखाता है कि हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।