APJ Abdul Kalam Essay In Hindi 2022: दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती मनाई जा रही है। अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम् में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। अब्दुल कलाम ने विज्ञान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया। अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के निर्माण में मदद की, जिसकी वजह से अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाने जाते है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो और भारत को परमाणु शक्ति बनाने में में उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी रही है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की उपलब्धियों के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। यदि आपको डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध लिखना है तो करियर इंडिया हिंदी आपके लिए बेस्ट डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध लिखने का ड्राफ्ट लेकर आया है। जिसकी मदद से आप आसानी से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध लिख सकते हैं।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay On APJ Abdul Kalam
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ। कलाम ने भारत के लिए कई मिसाइलें बनाई। डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम ने भारत के लिए अग्नि और पृथ्वी जैसी विभिन्न मिसाइलों का निर्माण किया, इसलिए उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है। अब्दुल कलाम जी हमेशा अपनी सादगी और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। अब्दुल कलाम का काम के प्रति समर्पण और राष्ट्रवादी सोच के लिए हमेशा देश के युवाओं को प्रेरित करते रहे।
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उस समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी इसलिए कम उम्र से ही उन्होंने अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना शुरू कर दिया था। लेकिन उन्होंने कभी पढ़ाई नहीं छोड़ी। अपने परिवार का समर्थन करने के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के सदस्य भी थे। देश के लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अनगिनत योगदान है, लेकिन वह अपने सबसे बड़े योगदान के लिए सबसे प्रसिद्ध थे जो कि अग्नि और पृथ्वी नाम से मिसाइलों का विकास है।
महान मिसाइल मैन 2002 में भारत के राष्ट्रपति बने। उनकी अध्यक्षता अवधि के दौरान, सेना और देश ने कई इतिहास रचे, कलाम ने राष्ट्र के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने खुले दिल से देश की सेवा की। अपने कार्यकाल के अंत में राष्ट्रपति कार्यालय छोड़ने के बाद डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने फिर से छात्रों को पढ़ाना शुरू किया। उन्होंने देश भर में स्थित भारत के कई प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए काम किया। उन्होंने अपने एक सन्देश में कहा था कि उनके अनुसार देश के युवा बहुत प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें अपनी योग्यता साबित करने के लिए अवसर चाहिए।
अपने जीवनकाल के दौरान डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को न केवल भारतीय संगठन और समितियों द्वारा बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और समितियों द्वारा भी सम्मानित किया गया था। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखीं लेकिन उनकी सबसे उल्लेखनीय कृति 'इंडिया 2020' थी, जिसमें भारत को एक महाशक्ति बनाने की कार्य योजना शामिल थी। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सादगी और सत्यनिष्ठा के व्यक्ति थे। वह काम में इतना व्यस्त रहते थे कि वह सुबह जल्दी उठते और आधी रात तक काम करते थे।
2015 में उनका में अचानक कार्डियक अरेस्ट आने से उनका निधन हो गया, इस दौरान वह शिलांग में छात्रों को व्याख्यान देने जा रहे थे। वह एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक और एक अग्रणी इंजीनियर थे, जिन्होंने देश के लिए अपना पूरा जीवन दिया और देश की सेवा करते हुए उनकी मृत्यु हो गई। वह हमेशा युवाओं को प्रेरित करते रहे, आज के युवाओं के लिए उनके आदर्श पर चलना बड़े सौभाग्य की बात होगी।
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